Dental Care in Children – An Essential Guide for Parents

क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चों के दाँतों की देखभाल कितनी ज़रूरी है?
अक्सर माता-पिता सोचते हैं कि “दूध के दाँत तो वैसे भी गिरने वाले हैं”, इसलिए उन पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं।
लेकिन सच यह है कि बच्चों के दूध के दाँत ही उनके स्थायी दाँतों की नींव होते हैं।

मुज़फ़्फ़रपुर के शाही डेंटल क्लिनिक के डॉक्टर बताते हैं कि अगर बच्चों के दाँतों की सही देखभाल न की जाए, तो यह आगे चलकर कैविटी, टेढ़े-मेढ़े दाँत और मसूड़ों की समस्याओं का कारण बन सकता है।


1. बच्चों के दाँत कब और कैसे साफ करें?

📌 कई पैरेंट्स यह सवाल पूछते हैं कि बच्चे का पहला ब्रश कब शुरू करना चाहिए।
✅ जैसे ही बच्चे के मुँह में पहला दाँत आता है, उसी समय से साफ़-सफ़ाई शुरू करें।
✅ 0-1 साल के बच्चों के लिए साफ़ गीले कपड़े या सिलिकॉन फिंगर ब्रश का इस्तेमाल करें।
✅ 2 साल के बाद बच्चों को सॉफ्ट ब्रिसल वाले छोटे ब्रश से ब्रश करवाएँ।


2. मीठा और जंक फूड से दूरी

⚠ बच्चे अक्सर चॉकलेट, कैंडी, चिप्स और कोल्ड ड्रिंक ज्यादा खाते हैं।
👉 यही चीजें कैविटी और दाँतों में कीड़े लगने का सबसे बड़ा कारण होती हैं।

✅ क्या करें?

  • बच्चों को संतुलित आहार दें – दूध, फल, हरी सब्जियाँ और नट्स।
  • मीठा खाने के बाद कुल्ला या ब्रश करवाएँ।
  • रात में दूध पिलाने के बाद बिना सफाई के सुलाएँ नहीं, वरना दूध के शुगर से कैविटी हो सकती है।

3. बच्चों को ब्रश करने की आदत डालें

📌 90% बच्चे सही तरीके से ब्रश नहीं करते।
✅ शुरुआत में माता-पिता खुद ब्रश कराएँ और धीरे-धीरे बच्चों को सिखाएँ।
✅ दिन में दो बार – सुबह और रात – ब्रश करना ज़रूरी है।
✅ ब्रशिंग को मज़ेदार बनाने के लिए रंग-बिरंगे टूथब्रश या फ्लेवर्ड बच्चों का टूथपेस्ट इस्तेमाल कर सकते हैं।


4. अंगूठा चूसने और बोतल फीडिंग की आदत

⚠ लम्बे समय तक अंगूठा चूसने या बोतल से दूध पीने की आदत दाँतों को टेढ़ा-मेढ़ा कर सकती है।
✅ क्या करें?

  • बच्चे को धीरे-धीरे बोतल से छुड़ाकर कप में दूध पिलाना शुरू करें।
  • अगर बच्चा 4-5 साल की उम्र तक भी अंगूठा चूसता है, तो डेंटिस्ट से सलाह लें।

5. नियमित डेंटल चेकअप

📌 बहुत से पैरेंट्स बच्चे को डेंटिस्ट के पास तभी ले जाते हैं, जब दर्द हो जाता है।
लेकिन बच्चों के लिए रेगुलर चेकअप बहुत ज़रूरी है।

✅ क्या करें?

  • हर 6 महीने में एक बार डेंटल चेकअप करवाएँ।
  • समय पर कैविटी, दाँतों की लाइनिंग और मसूड़ों की समस्याओं का पता चल जाएगा।

6. दाँतों को गिरने और चोट से बचाना

⚠ खेलते समय बच्चों के दाँत टूटने का खतरा रहता है।
✅ खेलते समय हेलमेट और माउथ गार्ड का इस्तेमाल करवाएँ।
✅ टूटा या चिपका दाँत तुरंत डेंटिस्ट को दिखाएँ।


निष्कर्ष

बच्चों के दाँत सिर्फ उनकी मुस्कान ही नहीं, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सेहत के लिए भी ज़रूरी हैं।
अगर आप बचपन से ही बच्चों को ओरल हेल्थ की अच्छी आदतें सिखाएँगे, तो वे ज़िंदगी भर हेल्दी स्माइल पा सकेंगे।

💙 मुज़फ़्फ़रपुर के शाही डेंटल क्लिनिक में बच्चों के लिए स्पेशल डेंटल केयर उपलब्ध है।
यहाँ बच्चों की दाँतों की समस्याओं का इलाज आधुनिक और सुरक्षित तरीके से किया जाता है।

📞 अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: +91 9525050250
🌐 www.shahidentalclinic.com
📍 क्लिनिक: मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार

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