कई लोग सोचते हैं कि कैविटी यानी दाँतों में कीड़ा लगना सिर्फ बच्चों को होता है, लेकिन यह सच नहीं है। कैविटी किसी भी उम्र में हो सकती है और अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह दाँत को पूरी तरह खराब कर सकती है।
मुजफ्फरपुर के शाही डेंटल क्लिनिक के डॉक्टर बताते हैं कि कैविटी सिर्फ दाँतों को ही नहीं बल्कि पूरे ओरल हेल्थ को प्रभावित करती है। इसलिए इसके कारण और बचाव दोनों जानना बेहद जरूरी है।
1. कैविटी कैसे होती है?
📌 जब हम मीठा, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक या जंक फूड खाते हैं, तो उनमें मौजूद शुगर दाँतों पर चिपक जाती है।
⚠ मुँह में मौजूद बैक्टीरिया इस शुगर को एसिड में बदल देते हैं।
➡ यही एसिड धीरे-धीरे दाँत की ऊपरी परत (एनामेल) को नुकसान पहुँचाता है और उसमें छेद (कैविटी) बना देता है।
2. कैविटी के शुरुआती लक्षण
- ब्रश करते समय दाँतों में हल्का दर्द
- ठंडी-गर्मी में संवेदनशीलता
- दाँतों पर काले-भूरे धब्बे
- मुँह से बदबू आना
अगर इन लक्षणों को समय रहते इग्नोर किया गया तो दाँत का कीड़ा और गहरा हो सकता है।
3. कैविटी से बचाव के आसान तरीके
✅ दिन में 2 बार ब्रश करें
सही तकनीक से ब्रश करने से बैक्टीरिया और प्लाक हटते हैं।
✅ फ्लॉसिंग करें
ब्रश दाँतों के बीच फंसे छोटे-छोटे कण साफ नहीं कर पाता, फ्लॉसिंग से यह समस्या खत्म होती है।
✅ मीठा कम खाएँ
मीठा या जंक फूड खाने के तुरंत बाद कुल्ला करें।
✅ फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें
यह दाँतों की एनामेल को मजबूत बनाता है।
✅ रेगुलर डेंटल चेकअप कराएँ
हर 6 महीने में डेंटिस्ट से मिलें और प्रोफेशनल क्लीनिंग कराएँ।
4. बच्चों में कैविटी से बचाव
बच्चे मीठा ज्यादा खाते हैं इसलिए उन्हें खास ध्यान देने की ज़रूरत है।
- उन्हें ब्रश करने की आदत डालें।
- उनके दाँतों की समय-समय पर जांच कराएँ।
निष्कर्ष
कैविटी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। सही आदतें और समय पर डेंटिस्ट से सलाह लेकर आप अपने दाँतों को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं।
💙 मुज़फ़्फ़रपुर के शाही डेंटल क्लिनिक में कैविटी और अन्य डेंटल समस्याओं का आधुनिक और सुरक्षित इलाज उपलब्ध है।
📞 अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: +91 9525050250
🌐 www.shahidentalclinic.com
📍 क्लिनिक: मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार
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